Friday, March 28, 2008



बदरिया ..



बदरिया .. फिर घिर आए बदरिया ..
बदरिया .. घिर घिर आए बदरिया ..

गरजे मेघा रे गरजे दिसायें .. चम से चमके बिजुरिया ..
बदरिया .. हिया मा लागे कटरिया ..
बदरिया ..

आंधी आयो तुफ्फान भी आयो .. उड़ उड़ जाए चुनरिया ..
बदरिया .. मैली हो गई अटरिया ..
बदरिया ..

रिमझिम बूंदें , झमाझम धारें .. खिल गए बेलें पतरिया ..
बदरिया .. भीजी सारी डगरिया ..
बदरिया ..

सब सखि राम अवध मा राजें .. मोरे कौन नगरिया ..
बदरिया .. सूनी मोरी छपरिया ..
बदरिया ..

राह तकूं , का अगहन का साबन .. कोई न लौटन खबरिया ..
बदरिया .. ढूंढूं कौन बजरिया ..
बदरिया ..


बाहर पानी है अन्दर पानी , फिर क्यूं मैं जलबिन मछरिया ..
बदरिया .. घुल घुल जाए कजरिया ..
बदरिया ..

बादल बरसें धरतिया झूमे .. भई सब माटी सरसिया ..
बदरिया .. मोर ही खाली गगरिया ..

बदरिया .. सौतन लागी नजरिया ..
बदरिया .. लई दे मोरा सांवरिया ..

बदरिया ..


1 comment:

Atul Mongia said...

its beautiful..

reminds me of a poet from yester years. Can't remember name...

Anyways, its very naughty, happy with a ting of sadness...